An Unbiased View of ईयरफोन के इस्तेमाल से हो सकती हैं बीमारियां



स्वास्थ अगर आपकी बेटी के शुरू होने वाले हैं पीरियड्स? तो उसे जरूर बताएं ये बातें

दवा से कम नहीं है लौंग की चाय! इम्यूनिटी से लेकर पाचन तंत्र को करती...

ममता सरकार ने पश्चिम बंगाल में फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर...

All data these cookies gather is aggregated and thus anonymous. If you do not allow for these cookies we may well not know when you have visited our web-site, and is probably not in a position to monitor its effectiveness.

इयरफ़ोन का अधिक उपयोग करने से आपका जीवन को गंभीर खतरे हो सकते हैं। संगीत सुनते हुए सड़क पर चलना, आपको दुनिया के बाकी हिस्सों से अलग करता है और आपको इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। हाल के दिनों में बाहरी वातावरण से अंजान होकर संगीत सुनने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इस प्रकार जब आप विशेष रूप से बाहर, सड़क पर घूम रहे हैं, तो जितना संभव हो सके हेडफ़ोन के उपयोग से बचें। बाइक चलाते समय भी आप हेडफोन का प्रयोग ना करें।

देश को बर्बाद कर रहे हैं सेनाध्यक्ष- पीएम इमरान खान

These cookies permit us to rely visits and visitors sources so we will evaluate and Increase the general performance of our internet site. They help us to grasp which get more info webpages are one of the most and least well known and see how readers transfer around the web page.

Your browser isn’t supported any more. Update it to have the ideal YouTube working experience and our hottest features. Find out more

कर हर मैदान फतेह! घर के किचन से लेकर फाइव स्टार होटल्स तक की कमान...

जीवन में टेक्नॉलजी की बढ़ती भूमिका अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आई है। इन्हीं में शामिल हैं ईयरफोन या हेडफोन ज्यादा देर तक इस्तेमाल करने से होने वाले खतरे। अगर आप भी कुछ ऐसा ही करते हैं तो समय...

ईयरफोन ज्यादा देर तक लगा रखने से कानों की नसो पर दबाव पड़ता है, जिससे नसो में सूजन आने की संभावना हो जाती है.

सब्सक्राइब करें × सबस्क्राइब करें

कैंसर से बचना है तो रोजाना करें मूली का सेवन, रिसर्च में दावा

श्वार्ट्ज से इस बारे में जब सवाल किया गया तब उन्होंने कहा कि उन्हें एआई टूल द्वारा गलत सूचना देने की संभावना के बारे में पता नहीं था. उन्होंने इसके लिए माफ़ी भी मांगी है और आगे क्रॉस चेक किए बगैर ऐसे किसी फैक्ट पर विश्वास ना करने का वादा भी किया है. श्वार्ट्ज ने यह भी स्पष्ट किया कि लोडुका को इस बात की जानकारी नहीं थी कि शोध कैसे किया गया और वह किसी भी तरह से इसका हिस्सा नहीं थे. दरअसल मामला एक एयरलाइन पर मुकदमा करने वाला व्यक्ति को लेकर था, जब उस व्यक्ति की कानूनी टीम ने अपने तर्क का समर्थन करने के लिए पिछले अदालती मामलों का हवाला देते हुए एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया, तो एयरलाइन के वकीलों ने न्यायाधीश को सूचित किया कि वे संदर्भित मामलों में से कई का पता नहीं लगा सके हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *